Thursday 12 November 2015

वीभत्स सुन्दरता !!



जिन्दगी में सुन्दरता , आकर्षण और पसंद ..यह चीजे ऐसी है ..जब तक हम इनके ऊपर के आवरण को देखे.. तभी तक इनमे हमें सोंदर्य , कशिश और सम्मोहन दिखलाई देता है ..जैसे ही ऊपर का आवरण हटा, सुन्दरता कुरूपता में तब्दील हो जाती है ....
आप सबने शायद इक कहावत सुनी होगी ...की बनाता हलवाई और ***.....कोई  देख ले तो उसे उससे नफरत हो जाए .....

जैसे हलवाई की दुकान के शो केस में सुन्दर, आकर्षण और मनमोहनी लगने वाली मिठाईयां और खोमचे के संजे सवारे ठेली के तवे पे सिकती टीकियाँ , पाँव भाजी और चट पट्टे मसाले की सेव पूरी , भेल पूरी और गोल गप्पे ..यह सब तभी तक आनंद देते है ..जब तक हम इन्हें अपने सामने पूरी तरह से तैयार होते हुए नहीं देखते या यूँ कहे की हम उनके बनने का सच को नहीं जानते ....
जैसे ही आप कभी इन्हें बनता हुआ देख ले ...तो शायद आपको इन्हें खाने में फिर कभी स्वाद ना आए ....

मेरे कुछ मित्रो ने जिन्होंने अपने छात्र जीवन में पिज्जा शॉप्स में काम किया था ..वोह कभी भी पिज्जा नहीं खाते थे  ..कहते थे ..की हमने इन्हें बनाते हुए ऐसे देखा है ..की हम इन्हें जीवन में अब शायद ही खा पाए ...

पहले जब मैं यह सुनता था तो सोचता था आखिर किसी इन्सान के मन में इतनी सुन्दर चीजो के प्रति घिन्न कैसे सकती है ...पर मेरे इस सवाल का जवाब कुदरत ने मुझे आने वाले वक़त में अपने तरीके से दे दिया ......

इक दिन मैं आपने किसी डॉक्टर फ्रेंड से मिलने उसके क्लिनिक गया ...तो मेने उससे अपने लड़कपन वाला सवाल किया ..अरे यार तेरे तो बहुत मजे है ..इक से इक सुन्दर लड़की को पास से देखने और छूने का मौका मिलता हैं  ..... मेरी उस बात पे वोह हंसा और बोला ...जब से मेने डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया ..मेरे लिए शरीर की सुन्दरता के मायने बदल गए ... इतनी खुबसूरत औरतो को डरावनी लाशो में और बहार से सुन्दर लगने वाली औरतो में इतनी गंदगी देखी की

....जिन स्त्रियों को देख आम इन्सान दीवाना बन जाता है ..कभी कभी उनमे इतनी गंदगी होती है ..जिसे जानने के बाद आप उन्हें छूना तो क्या शायद देखना भी पसंद ना करे ....उस वक़्त तो मुझे उसकी यह बात समझ नहीं आई...

पर पिछले कुछ दिनों के अनुभव ने मुझे इसपे सोचने को मजबूर कर दिया ..की सुन्दरता क्या सिर्फ छणिक है या कुछ पलो का आकर्षण मात्र है ??

आज मैं किसी काम से बैंक गया ...बैंक में जिस कस्टमर असिस्टेंट ने मुझे अटेंड किया ..वोह दूर से देखने में इंतिहा खुबसूरत लड़की थी ...उसने बड़े मुस्कुराते मुझसे हाथ मिलाया और अपने केबिन में ले गई ...मेने भी जी भरकर उसकी सुन्दरता को निहारा ...अचानक उसने किसी बात पे अपना मुंह उठाया तो ...उसका चेहरा देख मेरा मन इक अजीब से बैचेनी से विचलित हो गया ...

मेने देखा उसके इक नाक के नथुने में कुछ लगा है ...बस उसके बाद मुझे वोह देखने भर से उबकाई देने लगी ...जो थोड़ी देर पहले हूर लग रही थी अचानक लंगूर लगने लगी ..मेने जल्दी से जल्दी अपना काम निबटाया और उससे विदा ली ..मेरा मन इक अजीब सी विताश्ना से भर गया था ...

आज की घटना ने मुझे ऐसी और कई घटनाओ की तरफ ध्यान दिलाया की ..हम कभी कभी कैसे छोटी मोटी साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखते तो ...लोगो के अंदर हमारे प्रति इक  अलग भाव पैदा कर सकती है ...

ऐसा ही कुछ अनुभव मुझे अपने इक मेरे फ्रेंड की पत्नी के साथ हुआ ..वोह भी देखने में अच्छी भली है ....पर कई बार मेने नोटिस किया की उनकी नाक में से बाल बहार झांकते रहते है ....उन्हें देख मन में अजीब सा कैसेला पण सा जाता ..की कांश इन्होने थोडा सा इनका भी ख्याल रखा होता तो सुन्दरता में चार चाँद लग जाते ...

ऐसा ही इक घटना कुछ दिन पहले हुई ... बॉलीवुड की इक प्रसिद्ध हीरोइन ..किसी कार्यकर्म में स्टेज पे एंकर की भूमिका में थी ....मैं भी उसकी सुन्दरता के आनंद में गोते लगा रहा था ..की उसने किसी बात पे अपना हाथ उठाया ..तो उसकी बगल में झांकते कुछ बल उसकी लापरवाही की कहानी बयां कर गए ..जो मुझे कुछ देर पहले सुन्दरी लग रही थी अचानक इक आम सी औरत लगने लगी ...

वैसे यह बहुत बड़ी बात नहीं पर कभी कभी यह छोटी मोटी लापरवाही आपकी सुन्दरता का गला घोंट देती है ...
वैसे ही दुकानों और ठेलो पे सजी मिठाइयाँ और चाट आपके स्वाद का सत्यानाश कर देते है आगर आप उनकी हकीकत देख ले .....

कई बार किसी चीज के बारे में ज्यादा ना जानना ही शायद अच्छा होता है ..

By

Kapil Kumar 





Note: “Opinions expressed are those of the authors, and are not official statements. Resemblance to any person, incident or place is purely coincidental.' ”

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