Friday 13 November 2015

आप के शोले (हास्य वयंग )....



नाटक के लिए मंच सज चुका है बड़े बड़े महारथी अपना अपना आसन ग्रहण कर चुके है 

आज से कुछ दिन पहले .....

भगवा दरबार सजा था ... जँहा पर करता से लेकर धर्ता तक सब ख़ुशी में मगरूर थे की उन्हें अब तक लड़ी हर चुनावी जंग में फ़तेह हासिल हुई  थी ... बड़ी शानदार और जानदार पार्टीयां चल रही थी ... जन्हा ठाकुर नमो गब्बर अपने  दोस्तों , साथियो  और  अमित सांभा  के साथ पुराने फ़िल्मी गाने पे अहंकार के मद में झूम रहा था और जोर जोर से अपने तारीफों के पूल बांध  रहा था.....या यूँ कहे की सारी दुनिया को दिखा रहा था ...देखे कैसे उसने सोने की चिड़िया को अपना गुलाम बनाया है .... बेक ग्राउंड में यह गाना बज रहा था  ......


अरे  साला मैं तो प्रधान बन गया   … प्रधान बनके कैसा बदल गया .... यह सूट मेरा देखो .. ..जिसको मेने सिलवाया लंदन का ,यह बूट मेरा देखो  ,यह सीना मेरा देखो पूरा ५६ इंच का....

और आज.....

अचानक इस तरह की सजती महफ़िल के रंग में भंग पड़ गया .... ठाकुर की नजर सामने से आते तीन लटके हुए चेहरों पे पड़ी ... यह लटके हुए चेहरे थे ...कालिया बेदी , शर्मीली इल्मी और बेशर्म बिन्नी के ... उनके लटके हुए चेहरे को देख गब्बर बोला


बहुत जल्दी आगये   दल बदलुओ .... लगता है देल्ही वालो ने सामान(वोट ) बहुत जल्दी दे दियाइक ने बड़ी हिमत दिखाई और मासूमियत  से  बोला  ....

नहीं सरदार... ऐसा  कुछ नहीं  ..  इस बार तो खाली हाथ आये है   डेल्ही वालो ने हमें कुछ भी नहीं दिया .....सारा माल झाड़ू वाली पार्टी वाले लूट कर ले गए ...

नमो गब्बर चहल कदमी करते हुए .....
अरे किसकी और कितनी बड़ी पार्टी थी ? ....
कालिया बेदी हकलाते हुए  .....जी आम आदमी की ...बस कुछ आम लोगो की ....

नमो गब्बर दहाड़ते हुए वोह आम आदमी थे और तुम खास ....फिर भी खाली हाथ आए ... अरे मेने कितना दौरा किया रे ... पैसा भी खर्च किया  और तो और इतने बड़े बड़े नेताओ को भी तुम्हारे इलेक्शन में लगाया .... फिर भी वापस आगये ...वोह भी  खाली हाथ .....

क्या समझकर आए थे सरदार बहुत खुश होगा ? इनाम देगा ....शाबाशी देगा ...धिक्कार है ...

नमो गब्बर ... अमित सांभा की तरफ मुखातिब होते हुए ...

अरे ओह सांभा  .....  मेने पिछले चुनाव में कितने वादे किये रे ?.....

अरे सरदार पुरे मिला कर 50 ...

गब्बर चहकते हुए सुना ....पुरे 50 .. और जानते हो पूरा इक भी नहीं किया ?

यह वादे मेने गरीब और बेवकूफ जनता से ऐसे  किये ...की....

जब भी हिंदुस्तान में कोई गरीब बच्चा भूख से रोता है ..तो उसकी माँ कहती है ...बेटा आज भूखा सो जा ...कल अच्छे दिन आयेंगे ....कुछ ही दिनों में हमारे अकाउंट में पुरे 15 लाख रूपये आयंगे .... गब्बर दादा का वादा है ....

जब कंही किसी की इज्जत लुटती तो ..माँ कहती ..बेटा सब्र कर ...अभी कडवी गोली पी ले .... कल से अच्छे दिन आयंगे .... गब्बर भाई का वादा है ....

गब्बर गरजते हुए.... और इन तीन दल बदलुओ ने नमो गब्बर का नाम माटी में मिला दिया रे ..... इसकी सजा मिलेगी .... बराबर मिलेगी ....

गब्बर इक नेता का हाथ पकड़ते हुए .... अरे अगले चुनाव में कितने दिन बाकी है ? ....

नेता डरते हुए ...जी ..पुरे 5 साल .....

गब्बर दहाड़ते हुए ....पुरे 5 साल और मेरे पास बेकार आदमी तीन ... बहुत बेइंसाफी है ..... इनको सजा मिलेगी और जरुर मिलेगी .... अरे अगले साल कितने राज्यों में चुनाव है .....

इन नेता .....जी सरदार तीन राज्यों में ......

गब्बर दहाड़ते हुए अब ठीक है ...आदमी भी तीन और चुनाव भी तीन .....

इनको अगले साल होने वाले राज्य के चुनाव में मामूली कार्यकर्ता बना कर लगा दो यही इनकी सजा है ....

शर्मीली इल्मी को यू पी  में भेज दो ..वंहा यह ... मौलाना यादव से जात पात का दाव पेंच लड़ेगी ....

बेशर्म बिन्नी को ..बिहार में ..वंहा यह बेशर्म राजनीती के दाव पेंच सीखेगा ....की कैसे दल बदल किया जाए ...जो वक़्त आने पे हमारे काम आएगा ....

ठाकुर नमो गब्बर ...कालिया बेदी की तरफ घूमते हुए .... अरे तेरा क्या होगा रे कालिया ?

सरकार मेने तो आपका हुक्म बजाया है ... आप पार्टी को ऐन वक़्त पे धोखा दिया .. जैसा आपने कहा मेने वैसा ही किया ... मुझपे रहम करे ...

गब्बर दहाड़ते हुए ..हा हा ...रहम ..हा हा ...

तुझे तो मैं मणिपुर के चुनाव सँभालने भेजूंगा ....सुना है तेरा छत्तीस का आंकड़ा है ..वंहा से ..पहले भी तूने जब पंगा लिया था .... तेरा ट्रान्सफर वन्ही हुआ था ....
हा हा ...

कालिया बेदी ..सरदार रहम ...मुझे राज्य सभा का सदस्य बना कर कोई खाते पीते पद पे अपने यंही रख ले .... मेरा घर परिवार सब यंही है ..अब इस उम्र में कंहा भटकूँगी ?

गब्बर दहाड़ते हुए नहीं ... .जाओ मणिपुर जाओ और पार्टी की दिल लगा कर सेवा करो ...ताकि वंहा भी हमारा खाता खुल सके .....

हा हा हा ......जो डर गया ...समझो मर गया....

गब्बर अपने साथी नेताओ की तरफ मुखातिब होते हुए .... किसके आदमी थे ?

इन नेता सरदार .... ठाकुर इटालियन माता के ...सुना है झाड़ू को उसने ही परदे के पीछे से सहारा दिया  है ....

गब्बर दहाड़ते हुए .....धोखा ...बहुत बड़ा धोखा ....आदमी कोई और ...वॉर किसी और का ...

अरे ठाकुर के हाथ तो मेने पहले से ही काट दिए है .... की उसमे चुनाव लड़ने की हिम्मत ही ना बचे ... उसे चुनाव में ऐसा काटा की अगले पांच साल तक उसमे हाथ उठाने की हिम्मत नहीं है ...फिर भी उसने हिम्मत दिखलाई और बहार से भाड़े के टटू ले आई ...हा हा ...

गब्बर दहाड़ते हुए बोला ... डेल्ही वालो की यह जुर्रत वोह गब्बर के आदमियों को वोट के लिए ना कह दे ... डेल्ही वालो की यह हिम्मत... की वोह गब्बर को हरवा दे  ....उन्हें मालूम नहीं की उन्होंने किससे  बैर लिया है ....  इस बार उन्हें ऐसा सबक दूंगा की जिंदगी भर याद रखेंगे ....

पिछली बार तो फिर भी ठाकुर की सरकार थी ... इस बार झाड़ू को मैं समझाऊंगा ..की सरकार में रहते हुए कैसे सफाई होती है ?.....

अगर पुरे डेल्ही का नक्शा ना बदल दिया तो मेरा नाम गब्बर नहीं ....होली कब की है ?

इक नेता ... सरदार अगले महीने ..और नयी सरकार भी तभी बनेगी ....

जाओ तैयारी करो .. इस बार आम आदमी की इतनी फजीहत हो ...की वोह चुनाव में वोट डालने  तो क्या ...चुनाव चिन्ह देख कर ही डर जाए ....और झाड़ू वाले को तो मैं फूटपाथ पे ऐसा धरना दिलवायुंगा  .... की उसे गब्बर से टकराने का अंजाम समझ जाएगा ....हा हा ..

जाओ अडानी और अम्बानी से बोलो .... डेल्ही की बिजली इस गर्मी में काट दी जाए ....देखे की यह आम आदमी कैसे 24 घंटे दिल्ली को बिजली  देगा ?

हरियाणा के मुख्यमंत्री को बोलो ..की दिल्ली का पानी काट दिया जाए .... बहुत मुफ्त में पानी पिलाने की योजना है  जब पानी ही नहीं होगा तो ...क्या मुफ्त में मिलेगा .... हा हा ...

पुलिस कमिश्नर को बोलो ...आम आदमी को पुलिस से कोई भी सहयोग ना मिले ...देखता हूँ बिना  पुलिस  , पानी और बिजली के यह आम आदमी कितने दिन दिल्ली पे राज करेगा ?

हा हा ....

और गब्बर की अट्टहास के साथ ही स्टेज का पर्दा गिर जाता है ....
(यह रचना उस शक्श को समर्पित है ..जिसने मुझे लिखने के लिए प्रोत्साहित किया ...उसका आभार ..)

By

Kapil Kumar 


Note: “Opinions expressed are those of the authors, and are not official statements. Resemblance to any person, incident or place is purely coincidental”. Please do not copy any contents of the blog without author's permission. The Author will not be responsible for your deeds..


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