Friday 13 November 2015

खाली हाथ !


कपिल और मनीष तेजी से अपने ऑफिस की बिल्डिंग से निकल पार्किंग लॉट की तरफ बढ़ रहे थे ...दोनों इक ही ऑफिस में साथ काम करते थे और साथ में ही इक अपार्टमेंट शकरपुर में शेयर भी करते थे .. दोनों का ऑफिस कनाट प्लेस में बाराखम्बा रोड में इक बहु मंजिला ईमारत में था ... जैसे ही कपिल ने मोटर साइकिल पे किक मारी अचानक उसका ध्यान भटक सामने से आती इक रूपवती पे पड गया. वोह..  करीब 23/24 साल की इक सुन्दर सलोनी युवती बेपरवाह , मस्त और खामोश सी चलती हुयी पास के स्कूटर  स्टैंड की तरफ जा रही थी  उसने लेमन रंग की सलवार पे इक गुलाबी रंग का कुरता पहना हुआ था कंधे पे उसने इक रन बिरंगी चुनरी डाल रखी थी .. लड़की देखने में सामान्य सी लगती थी पर उसमे इक अजीब सा आकर्ष था ..
जो उसे सामान्य सुन्दरता के बावजूद उसे और लडकियों से अलग बनाता था ..वोह थी उसकी मासूम और शोख अदाये .. वोह मस्त और बेपरवाह चाल से चलते हुए रही थी की लगता था जैसे कोई नदी बिंदास , लापरवाह सी अपनी मग्न मेंबहे जा रही हो ...

अचानक कपिल का ध्यान भंग हुआ , मनीष चीखते हुए बोल .. अबे कान्हा खो गया .. मोटर साइकिल में किक क्यों नहीं मार रहा? ...कपिल को सामने की तरफ सुध बुध खोया देख ... मनीष का  ध्यान उधर की तरफ गया .. और कपिल को हिलाते हुए बोल ..
बेटा .. मोटर साइकिल में किक मारो .. उसका बायो डाटा रास्ते में देता हूँ!.......
दोनों मोटर साइकिल पे सवार घर की तरफ चल दिए ..घर पहुँच .. कपिल मनीष से बोला .. हाँ तो क्या बता रहा था तू उस लड़की के बारे में? ...
कौन सी लड़की ?.. मनीष बोला ..
अरे वोह ऑफिस वाली .. जो हमने स्टैंड पे खड़ी देखि थी .. कपिल ने जोर से कहा .....ओह वोह वाली .. अरे कुछ नहीं .. यार , अभी थोड़े दिन पहले क्लर्क और लोअर स्टाफ का  नया बैच आया है उसमे इस लड़की ने भी ज्वाइन किया है . उसका नाम "नेहा" है .. मनीष ने कपिल की जिज्ञासा शांत करते हुए कहा ... घर आकर भी कपिल का मन ना जाने कंहा खोया रहा .. आज से पहले ना जाने कितनी लड़की देखि होंगी पर इस सांवली सी लड़की ने ना जाने कैसा जादू किया था?   की उसकी मूरत चाहते हुए भी उसके सामने बार बार उसे चिढाने  जाती ...

रात के 8 बज चुके थे ... कपिल का मन तो खाने में था ना सोने में .. मनीष उसे जबरदस्त खिंच कर पास के ढाबे पे खाने के लिए ले गया ...कपिल ने क्या खाया और कब उसका खाना ख़त्म हुआ उसे जैसे होश ना था .. बार बार उस लड़की का अक्श आकर उसकी आँखों के सामने खड़ा हो जाता और उसे पता भी ना चलता उसने कब और क्या किया ?

सारी रात करवट बदल के गुजारते हुए कब सुबह हुयी कपिल को पता भी ना चला और सुबह होते ही कपिल इक रोबोट की भांति तैयार होकर बैठ गया और मनीष का इंतजार करने लगा ..

मनीष जब उठा तो उसे बड़ा आश्चर्य हुआ? ..जो आज तकइस वक़्त उठा तक ना था ….आज तैयार  होकर बैठा था
दोनों तैयार  हो ऑफिस आगये .. पर कपिल का मन तो किसी काम में ना था . वोह सोच रहा था किसी तरह उस लड़की से उसकी मुलाकात हो ? लगता था ...भगवन को उसपे तरस आगया ..अचानक , कपिल के बॉस का फ़ोन आया की उससे वोह आकर उसके ऑफिस में मिले ...

कपिल के बॉस ने बताया .. हमारे ऑफिस में कुछ लोगो ने कुछ दिन पहले ज्वाइन किया है ..उसमे कुछ लोग हमारे सेक्शन के लिए भी है .. उसमे कुछ लोगो को मेने तुम्हे रिपोर्टिंग के लिए भेज दिए है .. यह है उनकी लिस्ट .. कपिल ने बूझे मन से लिस्ट लेकर अपनी जेब में डाल ली और अपने केबिन की तरफ बढ़ गया .. ऑफिस के गलियारे में कैंटीन के पास नए भरती हुए लोग आपस में गप्पे मार रहे थे और उनमे "नेहा " भी थी .. नेहा को देख कपिल ने इक ठंडी सी आह भरी और वापस आकर अपनी सीट पर बैठ गया ...
अचानक उसका ध्यान चोंका जब किसी ने आकर उससे कहा ...

सर.. मुझेमित्तल सर ने आपके पास रिपोर्टिंग के लिए भेजा है .. कपिल ने जब अपना सर उठाया तो उसका दिल जोर से धडक उठा .. लगा जैसेखुदा ने उसकी सारी मुरादे  इक ही झटके में पूरी कर दी . .. उसने अपने जज्बातों को सँभालते हुए किसी तरह "नेहा " से नजर हटा कर उसे उसका काम समझाया और उसे  अपने अंडर काम करने वाली और लडकियों के पास वाली सीट पर सेट करा दिया .. अपनी सिट पे आकर बैठा कपिल बार बार कनखियों से नेहा को निहारता रहता  ...

कहते है इश्क मुश्क ,सर्दी, खांसी जुकाम कभी छुपाये नहीं छुपते .. वैसे ही ना जाने भगवान् ने लडकियों को कौन सा जादू दिया है? की उन्हें पता चल जाता है कौन उन्हें कब और कान्हा देख रहा है ?..... नेहा ने भी कपिल को घूरते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया और ऐसा करते हुए नीची नजरो से मुस्कुरा दी ....
कपिल थोडा सा झेपा…. फिर उसने सोचा जब वोह मेरे अंडर काम कर रही है तो उसे शर्माने की क्या जरुरत .. वोह कोई भी छोटा  मोटा काम निकाल कर नेहा की सीट पर पहुँच जाता .. यूँ तो उसके अंडर और भी लड़कियां थी .. जिनसे उसकी बात चीत 2/3 दिन में होती थी पर नेहा से वोह दिन में 3/4 बार कोई बहाने  खोज कर बाते कर लेता या कभी उसे अपनी सीट पर बुला लेता ...

जैसे जैसे वक़्त बीत रहा था .. वैसे वैसे  कपिल की बैचैनी बढती जा रही थी!  कपिल का मन नेहा को करीब से जानने के लिए बेताब होता था पर यह ऑफिस में मुमकिन ना था ... इक दिन वोह सुनहरा दिन भी आगया जब उसे ऑफिस के बहार नेहा अकेले खड़ी टेम्पो का इंतजार करते हुए मिल गयी? .. उस दिन मनीष भी उसके साथ नहीं था .. तो.. कपिल ने नेहा को लिफ्ट ऑफर कर दी .. थोड़ी झिझक और नुकुर के बाद नेहा ने उसका आग्रह स्वीकार कर लिया ..
नेहा इक बार कपिल की मोटर साइकिल पे क्या बैठी .. लगता था जैसे दोनों इक दुसरे के दिलो में जा बैठे .. अब दोनोंजब भी मौका मिलता ऑफिस ख़त्म होते साथ  में कंही घुमने फिरने निकल जाते ...
धीरे धीरे सारे ऑफिस में उनके इश्क के चर्चे होने लगे .. .

इक दिन कपिल और नेहा किसी गार्डन में साथ साथ बैठे थे .. की नेहा ने कपिल से कहाउसकी ऑफिस में बहुत बदनामी हो रही है उसका उससे शादी के बारे में क्या ख्याल है  ? अगर वोह उससे शादी के लिए  हाँ करदे तो कमसे कम वोह लोगो का मुंह बंद करदे .. उसकी सब सहेलियां  उसका मजाक बनाती  है और कहती है की कपिल तो सिर्फ तुझसे टाइम पास कर रहा है ... कपिल, नेहा की बात सुन अचानक रूहानी दुनिया से निकल असलियत की दुनिया में गया ....उसे समझ ना आया कहे तो क्या कहे ?.. उसने नेहा से कहा
नेहा…… मैं तुमसे अभी शादी नहीं कर सकता .. मुझे अभी अपना करियर , फ्यूचर बना कर आगे बढ़ना है . अभी मेरे पास घर की बहुत जिम्मेदारियां है और मेरी तनख्वा भी इतनी नहीं की हम दोनों अपना गुजारा अकेले इक तन्खवा चला सके …. मेरी पोजीशन और स्टेटस के अनुसार मैं तुम्हे इस  नौकरी की इज्जाजत नहीं दे सकता क्यूंकि शादी के बाद तुम उस नौकरी को नहीं कर सकती , मैं नहीं चाहूँगा तुम किसी मेरे बराबर के या मुझसे छोटे आदमी को मेरे सामने  सर बोलो! …. और तुम्हारी एजुकेशन इतनी नही की  तुम्हे बहार कोई अच्छी नौकरी मिल जाये जो मेरे स्टेटस और पोजीशन की इज्जत रख सके? …...

नेहा को उसके जबाब से तस्सली हुयी .. वोह बोली ..तो तुम्हे हमारे प्यार के आगे अपनी पोजीशन , स्टेटस और मेरी एजुकेशन इक रोड़ा नजर रही है ..ऐसा कितने दिन चलेगा? .. तुम्हे इक दिन फैसला तो लेना ही पड़ेगा ..कपिल  बोला ..वोह भी सोचंगे और जल्दी ही मैं इसके लिए कुछ करूँगा ... नेहा के आंसू झर  झर  बह रहे थे .. पर कपिल अपनी दुनिया में मस्त हो , हर बात से बेखबर की नेहा के दिल में क्या तूफ़ान आया हुआ ? उनसे अनजान बना वोह नेहा को चूमने लगा ….. कपिल जितना नेहा को चूमता उतना ही नेहा का मन उससे दूर जाने को होता…. उसेउसके चुम्बन में सिर्फ वासना नजर रही थी….  वोह सोच रही थी कपिल भी बाकी लडको की तरह सिर्फ उसके जिस्म से खेलना चाहता है .. उसने अपना हाथ धीरे से झटका और बोली मुझे अब जाना चाहिए और ऐसा कह वोह असमंज में पड़े कपिल को अकेला छोड़ के चली गयी ...

वक़्त भी कितना जालिम है जितना जिस चीज के पीछे हम भागते है वोह चीज हमारे से उतनी ही दूर होती जाती है .. नेहा की बातो को ध्यान रख कपिल ने जोर शोर से विदेश जाने के लिए नौकरी ढूंडनी शुरू कर दी .. कपिल ने सोचा बहार जाकर थोडा पैसा जोड़ कर वोह इक फ़्लैट ले लेगा तब नेहा से शादी कर लेगा .. धीरे धीरे कपिल अपनी विदेशी नौकरी धुंडने के चक्कर में इतना मशगुल हो गया की वोह ऑफिस में भी नेहा को नजर उठाकर ना देखता .. सोचता क्यों उसको बार बार देख उसकी और अपनी तकलीफ बढ़ायूँ ......
जब तक मेरे हाथ में कुछ ऐसा ना हो जिससे मैं नेहा के पास जाकर अपनी और उसकी शादी की बात कर सकू तब तक मैं उससे कम मिलूँगा और ऑफिस में भी सिर्फ काम से सम्बंधित बाते करूँगा ... धीर धीरे इस चक्कर में लगे उसका और नेहा का मिलना बहुत कम हो गया .. उधर नेहा ने देखा कपिल उससे आज कल बहुत  कम मिलता है और पहले जैसी दीवानगी भी नहीं है ……

नेहा ने सोचा जिस दिन से मेने कपिल से शादी की बात की है वोह मुझसे दूर होना चाहता है ...नेहा ने भी अपनी तरफ से ज्यादा कोशिस नहीं की यह  जाने की आखिर  कपिल के मन में क्या चल रहा है? ..इक दिन कपिल को घर पे टेलीग्राम मिला ..की उसे शीध्र ही  कुछ दिन के लिए  किसी विदेशी कंपनी के इंटरव्यू के लिए मुंबई जाना है . कपिल पे इतना वक़्त ना था की वोह नेहा को यह सब बताता की उसका सपना जल्दी पूरा होने वाला है .. उसने सोचा की जब इंटरव्यू देकर आएगा और उसमे हो जायेगा तो नेहा को सरप्राइज देगा ...मनीष को अपनी छुट्टी की अर्जी दे कपिल इंटरव्यू के लिए मुंबई चला गया ...

कपिल की ख़ुशी का ठिकाना रहा जब कम्पनी ने उसे सेलेक्ट कर लिया और हाथ के हाथ अपॉइंटमेंट लैटर भी दे दिया ….. कम्पनी ने इक महीने में उसे विदेश जाने का लैटर और वीसा के जरुरी कागजात दो दिन के अन्दर कूरियर करने का वादा  भी कर दिया ....
कपिल आने वाली जिदगी के सपने संजो .... हवा में उड़ता हुआ जल्दी से जल्दी डेल्ही पहुँच जाना चाहता था .. वोह सोच रहा था अब जाकर वोह नेहा से कहेगा .. बता कब तुझे शादी करनी है ? दोपहर के करीब कपिल जब घर पहुंचा तो मनीष ऑफिस जा चूका था .. कपिल का घर में मन लगा और वोह ऑफिस के लिए चल दिया .. ऑफिस पहुचने पे सब उसे अजीब सी नजरो से देख रहे थे .. कपिल का मन मयूर बना नाच रहा था और लोग उसपे दया का भाव दिखा रहे थे .. की अचानक नेहा उसकी सीट के पास आकर खड़ी हो गयी  ....नेहा को देख कपिल ने जल्दी से अपॉइंटमेंट लैटर निकाल  अपने हाथ में ले लिए और जैसे ही नेहा को दिखाने वाला थाकी …….नेहा ने कहा ...........
सर .. मिठाई खायिये ...आपकी पसंद की है काजू की बर्फी .. कपिल ने डिब्बा.. नेहा के हाथ से झपट लिया और दो चार काजू कतली अपने मुंह में ठूस ली और मुंह चलाते हुये बोला ...नेहा क्या खुशखबरी है ? सरकल मेरी एंगेजमेंट हो गयी ...यह मेरी शादी का कार्ड है .. मेरी शादी 15 दिनों में हमारे ही ऑफिस के इक लड़के के साथ हो रही है .. और ऐसा कह नेहा मिठाई का डब्बा उसके हाथ में दे और  नजरे नीची कर वंहा से चली गयी ...
कपिल उसके जाने के बाद अपने केबिन में बैठा इक हाथ में मिठाई के डब्बे को पकडे और दुसरे हाथ में अपॉइंटमेंट लैटर को पकडे बैठा था  .. दोनों ही उसका मजाक उड़ा रहे थे ... अचानक उसकी सबसे पसंदीदा मिठाई उसके मुंह में कडवे नीम के स्वाद में बदल गयी  लगता था उसके हाथो में सब कुछ होते हुए भी उसके दोनों हाथ खाली थे ......

By 
kapil Kumar 


Note: “Opinions expressed are those of the authors, and are not official statements. Resemblance to any person, incident or place is purely coincidental.' 


No comments:

Post a Comment