Thursday 12 November 2015

उफ्फ.....मेरा पति !!



वैसे तो श्याम नारायण तिवारी M B A थे और स्कूली शिक्षा भी किसी कान्वेंट स्कूल से लिए थे ...... इन सब क़ाबलियत होने के बावजूद भी वोह अपने राज्य के आम से  प्रतिनिधि थे....

जो जो गुण आपको इक आम पुरबिये में मिल सकता है वोह सब उनमे जन्मजात पाये जाते थे.... जैसे दारू ,पान, बीड़ी सिग्रेट, सुरति और जर्दा...अब यह शौक तो नॉर्थ ईस्ट भारत के मर्दो कि शान है.......

अब इसे विधि का विधान या किस्मत कि मार की ...उनकी आँख इक दिल्ली कि छोरी नीता पे फिसल गई  ... अब यह कौनसा राज था कि दिल्ली में पढ़ी लिखी और रहने वाली लड़की कैसे और क्यों इक पुरबिये से शादी कर मेट्रो सिटी छोड़ देश के सबसे पिछड़े राज्य में चली गई?

नीता मेरी कॉलेज में अच्छी दोस्ती थी ...पर अचानक किसी पुरबिये के साथ शादी करके वोह यूँ गायब हो गई कि... किसी को कानो कान पता भी ना चला और हमारा बेचारा दिल उसकी यादो में चुपचाप आंशु बहा कर टुकड़े टुकड़े हो गया ....

धीरे धीरे हमने भी दिल को समझा लिया शायद वोह हमसे ज्यादा काबिल और चरित्रवान रहा होगा ..वरना नीता तो कलयुग में सतयुग की सीता और सावित्री को चुनौती देने वालो में से थी ...


इक  दिन बाजार में टहलते हुए नीता अपने पति के साथ मिल गई ..उसके पति को देख सारा भ्रम इक ही झटके में टूट कर बिखर गया ... थोड़ी औपचारिक बातचीत के बाद हमें समझ ना आया कि जो लड़की किसी के सिगरेट छू भर लेने से दूर भाग जाती थी ..जब उसका पति मुंह में भेंस कि तरह जुगाली किये मसला ठोके पड़ा  है उसे यह कैसे झेलती होगी ?

इसका जवाब भी मुझे शीध्र मिल गया ..की जनाब अचानक बोले मेरा जर्दा ख़त्म हो गया है ..मैं जरा किसी पनवाड़ी से लेकर अभी आता हूँ और ऐसा कह जनाब वंहा से रफू चक्कर हो गए ...

मेने अपनी शंका नीता के आगे रख दी ..की वोह कैसे यह सब बर्दाश्त कर लेती है?.... .. थोड़ी ना नाकुर के बाद वोह जैसे फूट सी पड़ी और बोली अब किस्मत को रोने के सिवाय क्या किया जा सकता है ?.....

मेने उसे कहा अगर तुम चाहो तो इसका इलाज कर सकती हो और ऐसा कह मेने उसके कान में कुछ फुसफुसा दिया ...
उसके चेहरे पे इक लाली दौड़ी और बोली ..तुम भी पुरे के पुरे लुच्चे और ऐसा कह हँसते हुए वंहा से खिसक गई ...

रात को जब श्याम बाबू अपने प्रेम प्रसंग के लिए बिस्तर पे आए और आकर सीधे नीता पे झुक गए ...की अचानक घबराकर पीछे भागे ..बोले अरे नीता ...ये क्या किया रे ?

नीता के मुंह से इक पान की पिचकारी निकली औए श्याम बाबू के मुंह को रंगीन कर गई ...नीता अपना चेहरा उनके और करीब लाते हुए बोली ..अरे हम सोचे तुम्हे अकेले अकेले सारे शौक करने में दिक्कत होती ..तो हम भी तुम्हे थोडा सहयोग दे दे ....

कंहा रोज रोज नीता उनके मुंह में पड़े मसाले को देख देख रात में डरती थी ...पर आज ....श्याम बाबू अपना पलंग बाहर बिछा कर सोये ...अब कहने की बात नहीं ..उसके बाद श्याम बाबू इक सबक जरुर सीख गए थे  ...

ऐसा ही कुछ बेचारी पूनम के साथ था ..उसका पति सिगरेट पीने के बाद उसे जरुर चूमता ..अगर वोह शिकायत करती तो कहता ..अरे तुझे... मुझसे सच्चा प्यार नहीं ..बेचारी पूनम इस बात पे चुप हो जाती ...वैसे तो अमित और पूनम दोनों इक दूसरे पे जान देने वाले पति पत्नी पर थे ....पर अमित कि सिगरेट पीने के बाद उसे चूमने कि आदत से पूनम बहुत परेशान थी ....
 इक दिन जब दोनों हमारे घर आये तो... खाने के बाद अमित रोजाना कि तरह सिगरेट फूकने चला गया और जब लौट के आया तो आते ही उसने अपनी पत्नी को चूम लिया....
उसकी इस नापाक हरकत पे पूनम जंहा शर्मा कर लाल हो गई वंही उसके मुह से बहुत ज़ोर से उफ्फ़ निकल पड़ा और वोह बाथरूम में कुल्ला करने चली गई .....
आने के बाद पूनम मुझसे बोली ....कपिल जी बताइए इनका क्या इलाज करू ?....

सिगरेट पीने वाला आदमी जब दुसरे को चूमता है तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने मुंह में ऐश ट्रे डाल दी....मेने पूनम के कान में इक उपाय फूंक दिया ...जिसे सुन वोह मंद मंद मुस्कुराने लगी ...

रात को जब अमित बिस्तर पे पूनम के साथ प्रेम करने आया तो .....उसने इक बबल गम अपने मुंह रख लिया और जैसे ही अमित अपना चेहरा पूनम के करीब चूमने के लिए आगे लाया तो ....इक बबल गम का बड़ा सा गुब्बारा पूनम के मुंह से निकला और सीधा अमित के चेहरे पे फूट गया ...अमित हडबडा कर बोला यह क्या बदतमीजी है?.....

पूनम मुस्कुराते हुए बोली ...क्या तुम्हे मुहसे सच्चा प्यार नहीं ...जो मुझे इतना भी नहीं सह सकते ? अब कहने की बात नहीं की आगे क्या हुआ ?

कुछ दिन बाद जब पूनम मिली तो उसने हँसते हुए जो बताया उसे सुन सबका हँसते हस्ते बुरा हाल हो गया ...उसके बाद जब भी कभी अमित सिगरेट के बाद उसे चूमता ..रात में उसके मुंह पे बबल गम के गुब्बारे फूटते ...
 
ना जाने यह बात कैसे मेरी काम वाली बाई कमला को पता चल गई और इक दिन मौका देख उसने भी अपनी फरियाद में मेरे सामने रख दी ....की उसका पति रात में दारु पीकर उसे बुरी तरह नोचता खसोटता है .. कमला बाई बोली साहब जी मेरा मर्द रात में बहुत दारु पिए रहता है और दारु के नशे में वोह ऐसी ऐसी उजुल हरकत करता है कि हमें तो बताते हुए भी लज्जा आती है और रोते हुए बोली साहब जी उसका भी कोई तोड़ आप हमें भी बता ददें ....

मैं उसका दर्द बिना कहे ही समझ गया और मेने उसे भी इक ऐसा उपाय बताया ...जिसे सुन उसका चेहरा खिल उठा ...बोली साहब जी ऐसा कर दिया तो साले का दिमाग अपने आप ही ठिकाने पे आजायेगा ...और ऐसा कह वोह इक रहस्यमयी मुस्कान के साथ चली गई ...

रात को कमला का पति दारु के नशे में चूर जैसे ही उसके ऊपर झुका... उसने थोड़ी देर तो उसे झेल  लिया ... पर जैसे ही वोह अपने पुरे आवेग में आगे बढ़ा कमला ने इक जोर कि सांस ली और इक बड़ी सी उलटी उसके चेहरे पे कर दी ....
अचानक हुई इस हरकत ने उसे हैरान और परेशान कर दिया उसे समझ ना आया यह क्या हो गया ?
उसका दारु का नशा इकदम उड़न छू हो गया ..और कमला उसकी हालत देख मन ही मन मुस्कुरा उठी ...

कुछ दिन बाद जब मुझे नीता , पूनम और कमला का खिला चेहरा दिखा तो मुझे खुद बे खुद  समझ आगया ..की जैसे को तैसा मिल गया था .....

पति-पत्नी या प्रेमी प्रेमिक के रिश्ते में  अगर दोनो इक दुसरे की भावना का ख्याल नहीं रखते और अपने शौक के चक्कर में दुसरे को इक विभित्स अनुभूति देते है ..तो रिश्ते में इक ऐसी दरार जाती है ..जिसे भरना फिर कभी सम्भव नहीं होता ....

By 

Kapil Kumar 


Note: “Opinions expressed are those of the authors, and are not official statements. Resemblance to any person, incident or place is purely coincidental.' 

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