Monday 9 November 2015

मुजरिम हाजिर है! ( हास्य व्यंग )


कोर्ट रूम सजा है , करीब 35/36 की गठीले बदन की , लम्बे कद की, इक खुबसूरत जज साहिबा कोर्ट रूम में प्रवेश लेती है …..जज साहिबा के आने पे मुकदमो के पैरवी शुरू होती है..
जज साहिबा .....पहला मुकदमा पेश किया जाये ...
क्लर्क .. पहला मुकदमा...मुजरिम कपिल हाजिर हो .....
क्लर्क ... जज साहिबा , मुजरिम  कपिल दारू पीकर गाड़ी चलाते हुए पकडे गए और पकडे जाने पे यह कह रहे थे की वो पीकर नहीं चला रहे थे....
जज साहिबा .....मुजरिम कपिल , आप अपने को गिल्टी या नो गिल्टी कहते है .....
कपिल ..... जज साहिबा को निहारते हुए ….मन ही मन बुदबुदाया ,इस कातिल हसीना  को कोर्ट रूम की जगह किसी मॉडलिंग एजेंसी में होना चाहिए था ... मिस जज साहिबा , मैं अपने को नो गिल्टी कहता हूँ .... 
जज साहिबा .... क्या आप सिद्ध कर सकते है की आप पीकर गाड़ी नहीं चला रहे थे या आपको अपनी सफाई में कुछ कहना है ?
कपिल ..... जज की तरफ ठंडी आह भरते हुए …मिस जज साहिबा, मैं दारू पीकर नहीं बल्कि दारू की बोतल पकड कर गाड़ी चला रहा था ...और इस पुलिस वाले साहब ने मुझे पीता हुआ समझ मेरा टिकेट (चालान )काट दिया .... 
जज साहिबा .... पुलिस वाले की तरफ मुंह करके …..क्या ये सही कह रहे है ?
पुलिस वाला ....जज साहिबा,जब हमने , इनको पकड़ा था तब दारू की बोतल इनके हाथ में थी और यह बोतल सीट के निचे रख रहे थे ….इसका मतलब यह पीकर चला रहे थे और हमें देख बोतल छुपा रहे थे ...
जज साहिबा .... मुजरिम कपिल , आपको इसके बारे में क्या कहना है ?
कपिल .....मिस जज साहिबा, इस पुलिस वाले साहब ने खुद कहा बोतल मेरे हाथ में थी , इसका मतलब यह तो नहीं की मैं बोतल से दारू पी रहा था ?...
जज साहिबा .... मुजरिम कपिल ,तो आप दारू की बोतल हाथ में लेकर, क्या गंगा जल पी रहे थे ? ... ठहाका ....
कपिल ..... तिरछी आँखों से …. शरमाते हुए….मिस जज साहिबा,दारू की बोतल हाथ में कुछ और वजह से भी हो सकती है ?
जज साहिबा.... मुस्कुराते हुए ... जरा आप अपनी वोह खुबसूरत वजह बताने का कस्ट करेंगे?
कपिल .....शरमाते हुए ...मिस जज साहिबा , मुझे शर्म आती है , आप इसे कोर्ट की तोहीन  समझेंगी !....
जज साहिबा .... नहीं नहीं , आप पूरी बात बताये , आपकी  बात पूरे ध्यान से सुनी जाएगी .... 
कपिल ....शरमाते हुए ... मिस जज साहिबा,आप मजबूर करती है तो मैं सच सच बता देता हूँ ...
कपिल पुलिस वाले की तरफ मुंह करके  ....  तुम्हे कैसे पता की बोतल में दारू थी ?

पुलिस वाला ... .शरमाते हुए ... जज साहिबा की तरफ मुंह करके…..मैडम वोह क्या बात है , जब ऐसे लोग मिल जाते है तो हम भी थोडा बहुत अपना गला तर कर लेते है…. यह सब हमने ऑफ ड्यूटी किया था.... चाहे तो आप पांडेजी , गुप्ताजी  और वर्मा जी से पूछ ले यह सब लोगां  भी हमरे साथ ढाबे पे पिए थे ....... ठहाका ..... 
कपिल ..... पुलिस वाले की तरफ ..…जिस दिन आपने मुझे पकड़ा .. उस दिन ट्रैफिक जाम था .....
पुलिस वाला ...हाँ….,उस दिन हमने नाका बंदी कर रखी थी ... और ट्रैफिक बहुत धीमे धीमे और रुक रुक कर  चल रहा था , तभी तो हमने , तुम्हे रंगे हाथ पकड लिया …. पुलिस वाला…..हँसते हुए बोला ...... 
कपिल .....मिस जज साहिबा,उस दिन इन पुलिस वालो की वजह से ट्रैफिक जाम था .... यह लोग आये दिन अपनी मन मरजी से सड़क पे नाका बंदी करके ट्राफिक जाम कर देते है … अब ऐसे में कोई इन्सान ट्रैफिक जाम  में 3 घंटे से फंसा हो …..अगर किसी को “वो “जाना हो तो  बेचारा  इन्सान “वो “ कंहा पे  जायेगा ? अब ऐसे में गाड़ी को हम बिच सड़क तो छोड़ नहीं सकते थे …अब कोई चारा न देख ,हमें जो समझ आया हमने कर लिया ….हमारे पास इक पुराणी दारू की बोतल थी वोह हमने इस्तमाल कर ली ... ... ठहाका .... ... ठहाका .....

 पुलिस वाला गुस्से में ....तो तुमने हमें , वो पिला दिया ... तेरी तो खेर नहीं ..... ठहाका....
जज साहिबा .... मुंह निचे करके हंस रही थी  और जोर जोर से हथोडा पिटते हुए बोली .. आर्डर आर्डर …
कपिल .....शरमाते हुए ... मिस जज साहिबा, इस पुलिस वाले साहब को हमने खूब कहा था इसमें दारू नहीं है पर यह तो हमारा मजाक उड़ाने लगे और बोले .. इन्हा में दारू न तेइ ..गंगा जल होवे ते ...और हमारे हाथ से बोतल छीन ली…... अब आप ही फैसला कीजिये की हम पीकर गाड़ी  चला रहे थे या सिर्फ दारू की बोतल पकड़ कर गाड़ी चलाते हुए पकडे गए ... ... ठहाका .....
जज साहिबा .... Mr. कपिल ..आप हमारे साथ हमारे चैम्बर में आये… उसके बाद फैसला दिया जायेगा ...

थोड़ी देर बाद चैम्बर से कपिल और जज साहिबा दोनों हँसते हुए बहार आये ...
जज साहिबा .... तमाम गवाहों और सबूतों के देखते हुए और तमाम वाक्य को मद्दे नजर रखते हुए यह अदालत Mr कपिल को बाइज्जत रिहा करती है और पुलिस को हिदायत देती है की वोह Mr कपिल से अपनी बदसलूकी के लिए लिखत में माफ़ी मांगे …. Now court is adjourned …..
पुलिस वाला कपिल को घूर रहा था और उसने अपना माफ़ी नामा लिख कर जज के आगे रख दिया ...

कोर्ट रूम के बहार ...
पुलिस वाला गुस्से में ....कपिल से .... साले तुझे देख लूँगा .... तू अपने को क्या समझता है तूने हमें अपना ..”वो”....पिला दिया .... तेरी तो ….तुझे किसी फर्जी केस में ना लपेटा तो तेरी खेर नहीं ...
कपिल .....हँसते हुए ..  यह गलती कभी मत करना …. वोह जज साहिबा ने हमें अपने घर बुलाया है .. इसलिए अपने चैम्बर में ले गयी थी .. कह रही थी की अगर यह पुलिस वाला परेशान करे तो हमें खबर कर देना ...अरे दीवानजी, क्यों खाली पिली लाल हो रहे हो ?...आपने कुछ गलत थोड़ी न पिया था! .. उसमे तो वाकई में दारू थी ....
पुलिस वाला ... अचरज में .. यार हम यही सोच रहे थे साला स्वाद तो दारू का ही था ?  तो तुमने अन्दर यह क्यों कहा .. की उसमे दारू नहीं थी? ....
कपिल .....हँसते हुए ..अरे यार कभी अकल का तो इस्तमाल कर लिया करो .. इतनी खुबसूरत जज थी… अब भला उनके हाथो फाइन लेकर या सजा लेकर अपनी इज्जत का मलीदा करते और उन्हें दुखी करते …. अब हमारे जैसे स्मार्ट आदमी, दारू पीकर गाड़ी चलाता हुआ कैसा लगता ? खुलम खुल्ला लाइन दे रही थी हमने भी पकड ली मौका देखा कर… आखिर जज साहिबा की भी कोई इज्जत है की नहीं ?....
पुलिस वाला ... अचरज में… तो जज साहिबा ने तुमसे चेंबर में क्या बाते की? कपिल .....देखो यार …यह सीरियस बात है इसमें उनकी इज्जत का सवाल है.. पुलिस वाला ….. ही ही करते हुए,  अरे यार …तुम तो हमारे दोस्त हो .. अब यारो में क्या पर्दा .. बता भी दो .. क्या चक्कर चला कर आये हो ? ही .... ही ....
कपिल .....पुलिस वाले से ...नहीं रे…. जज साहिबा बस अपना दर्द कह रही थी ... कह रही थी इक बार वोह भी तुम लोगो की वजह से ट्राफिक जाम में 3/4 घंटे अटक गयी थी! तो उन्हें बड़ी तकलीफ हई थी …. पूछ रही थी बेचारी औरत क्या करे ?... मर्द तो बेशर्म होता है कुछ भी कर लेता है …..हमारे लिए भी कोई तरकीब बता दो? ....
पुलिस वाला …… ही ही करते हुए ….तो तुमने क्या कहा .. बताई कोई तरकीब ?
कपिल .....पुलिस वाले से ...हँसते हुए ... इसलिए तो उनके घर जा रहा हूँ ... मेने ..उनसे साफ़ साफ कह दिया .. यह तो मैं यंहा बता नहीं सकता … यह तो सिर्फ करके दिखाया जा सकता है और वोह मान गयी …. तो ..उन्होंने मुझे कल डिनर पे बुलाया है ...आहा .. आहा ....
पुलिस वाला …. कमीने देखे…. पर.. तेरे जैसा नहीं .....ही ..ही ... 

By 
Kapil Kumar

Note :-यांह पर पगट विचार निजी  है इसमें किसी कि भावना को आहात करने का इरादा नहीं है….. “Opinions expressed are those of the authors, and are not official statements. Resemblance to any person, incident or place is purely coincidental.' 

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